आज कल modeling कर रहा हूँ
मेरा show रोज़ होता है , सुबह से शाम
ढंग से सोने भी नहीं देते
Spotlight घूरती रहती हैं रात भर
मेरी झुर्रियों, मेरे अधूरेपन मैं
इन्हें अदाइगी दिखती है
लोग वाह - वाह, विस्मय , शोक बिखेर
भूल जाते हैं
कहते हैं मैं भी कभी 'जीता' था
आज कल modeling कर रहा हूँ
ना करूँ तो मारा जाऊंगा
मेरी दवाई का यही तो सहारा है.....मजबूर विरासत !!!!
4 comments:
i did not know
कि आप लिखते भी हैं
masha allah !
mujhe bhi samajh aayi aur pasand bhi.......:)
@amit .. han bhai kabhi kabhi ...
@richa ... chalo finally tumhe meri koi bat samajh bhi aayi n pasand bhi ... this is a classical statement .... !!
if i recall correctly u wrote this about mandu monuments...i like it.
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