नज़र नहीं करती
तो क्याआहों के संदेसे
बुनती तो होगी
कल की तस्वीरें
ज़हन में
तैरती तो होगी
शब्बाखैर कर
एक दुआ
मेरे नाम की भी
मचलती तो होगी
बड़े मशहूर
हो चले हैं किस्से
तेरी रुसवाई के
फिर भी यकीन हैं
कभी तो
मेरे ख्याल पे
आँख में
पानी की बूँद
उतरती तो होगी
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