Friday, December 24, 2010

मौसम बदल गया





आसमान तब भी नीला था 
आज भी है 
पुरवाई तब भी मंद थी 
आज भी धीमी ही है
सूरज तब भी
मुह छुपता था बादल में 
आज भी वही छुपा है 
सब कुछ
अमूमन वैसा ही है
जैसा तब था 
पर वो गुलाब 
जो तुमने ठुकरा दिया 
वो मुरझा कर 
सूख गया

कुछ भी वैसा नहीं रहा 
मिजाज़-ए-मौसम बदल गया 

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Bulandshahr, UP, India
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