Monday, March 7, 2011

बादल...



बादल -१

बालक सा
नटखट-चंचल
हर दम
'बूझो तो जाने' खेले
धूप छीन ले
पानी गिरा दे
चांदनी से मसखरी करे
और सॉरी भी ना बोले

बादल - २

हवा पे सवार
नर्म-हल्का
अकडू -घमंडी
फक्कड़ आवारा
तुनक मिजाज़


बादल - ३

अरे बादल !
वहां दहाड़ के रोता है 
यहाँ उदासी छा जाती है

इतना काजल मत लगाया कर
पूरा काला हो जाता है


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Bulandshahr, UP, India
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